भारत हिंदुस्तान सोने की चिड़िया हमारा भारत सबसे महान
भारत एक प्राचीन भूमि है। इसकी महानता के बारे में जितना कहा जाए कम है। यहां का उचित वातावरण मनुष्य को जीने का बेहतर मौका ही नहीं देता, बल्कि वह उसे एक सही सोच से संपन्न भी करता है।
विश्व का पहला धर्मग्रंथ ऋग्वेद : भारत के लोग प्राचीनकाल से ही कभी कबीलों नहीं रहे। उनमें एक सामुदायिक भावना का विकास बहुत पहले ही हो गया था और उन्होंने सभ्य होने के तरीके अन्य दुनिया की अपेक्षा पहले ही ढूंढ लिए थे।
एक ओर जहां भारत में दुनिया की प्रथम भाषा संस्कृत का जन्म हुआ तो दूसरी ओर दुनिया की प्रथम लिपि ब्राह्मी लिपि का जन्म हुआ। संस्कृत सोच समझकर अविष्कृत की गई भाषा है। इसीलिए इसे देव भाषा कहा जाता है। संस्कृत' का शाब्दिक अर्थ है परिपूर्ण भाषा। संस्कृत पूर्णतया वैज्ञानिक तथा सक्षम भाषा है।
संस्कृत (संस्कृतम्) भारतीय उपमहाद्वीप की एक भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है। यह विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा हैं जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार की एक शाखा हैं। आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, बांग्ला, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। संस्कृत में वैदिक धर्म से संबंधित लगभग सभी धर्मग्रंथ लिखे गये हैं। बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गये हैं। आज भी हिंदू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं। भीम राव अम्बेडकर का मानना था कि संस्कृत पूरे भारत को भाषाई एकता के सूत्र में बांध सकने वाली इकलौती भाषा हो सकती है, अतः उन्होंने इसे देश की आधिकारिक भाषा बनाने का सुझाव दिया था।
भारत के इतिहास को अगर विश्व के इतिहास के महान अध्यायों में से एक कहा जाए तो इसे अतिश्योक्ति नहीं कहा जा सकता। इसका वर्णन करते हुए भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने कहा था, ‘‘विरोधाभासों से भरा लेकिन मजबूत अदृश्य धागों से बंधा’’। भारतीय इतिहास की विशेषता है कि वो खुद को तलाशने की सतत् प्रक्रिया में लगा रहता है और लगातार बढ़ता रहता है, इसलिए इसे एक बार में समझने की कोशिश करने वालों को ये मायावी लगता है।
पाषाण युग 500,000 से 200,000 साल पहले शुरू हुआ था और तमिलनाडु में हाल ही में हुई खोजो में इस क्षेत्र में सबसे पहले मानव की उपस्थिति का पता चलता है। देश के उत्तर पश्चिमी हिस्से से 200,000 साल पहले के मानव द्वारा बनाए हथियार भी खोजे गए हैं।
कांस्य युगः
भारतीय उपमहाद्वीप में कांस्य युग की शुरुआत लगभग 3,300 ईसा पूर्व सिंधु घाटी सभ्यता के साथ हुई थी। प्राचीन भारत का एक ऐतिहासिक हिस्सा होने के अलावा यह मेसोपोटामिया और प्राचीन मिस्त्र के साथ साथ विश्व की शुरुआती सभ्यताओं में से एक है। इस युग के लोगों ने धातु विज्ञान और हस्तशिल्प में नई तकनीक विकसित की और तांबा, पीतल, सीसा और टिन का उत्पादन किया।
वैदिक कालः
भारत पर हमला करने वालों में पहले आर्य थे। वे लगभग 1,500 ईसा पूर्व उत्तर से आए थे और अपने साथ मजबूत सांस्कृतिक परंपरा लेकर आए। संस्कृत उनके द्वारा बोली जाने वाली सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक थी और वेदों को लिखने में भी इसका उपयोग हुआ जो कि 12वीं ईसा पूर्व के हंै और प्राचीनतम ग्रंथ माने जाते हैं।
वेदों को मेसोपोटामिया और मिस्त्र ग्रंथों के बाद सबसे पुराना ग्रंथ माना जाता है। उपमहाद्वीप में वैदिक काल लगभग 1,500-500 ईसा पूर्व तक रहा और इसमें ही प्रारंभिक भारतीय समाज में हिंदू धर्म और अन्य सांस्कृतिक आयामों की नींव पड़ी। आर्यों ने पूरे उत्तर भारत में खासतौर पर गंगा के मैदानी इलाकों में वैदिक सभ्यता का प्रसार किया।
महाजनपदः
इस काल में भारत में सिंधु घाटी सभ्यता के बाद शहरीकरण का दूसरा सबसे बड़ा उदय देखा गया। ‘महा’ शब्द का अर्थ है महान और ‘जनपद’ का अर्थ है किसी जनजाती का आधार। वैदिक युग के अंत में पूरे उपमहाद्वीप में कई छोटे राजवंश और राज्य पनपने लगे थे। इसका वर्णन बौद्ध और जैन साहित्यों में भी है जो कि 1,000 ईसा पूर्व पुराने हैं। 500 ईसा पूर्व तक 16 गणराज्य या कहें कि महाजनपद स्थापित हो चुके थे, जैसे कासी, कोसाला, अंग, मगध, वज्जि या व्रजी, मल्ला, चेडी, वत्स या वम्स, कुरु, पंचाला, मत्स्य, सुरसेना, असाका, अवंति, गंधारा और कंबोजा।
फारसी और यूनानी विजयः
उपमहाद्वीप का ज्यादातर उत्तर पश्चिमी क्षेत्र, जो कि वर्तमान में पाकिस्तान और अफगानिस्तान है, में फारसी आक्मेनीड साम्राज्य के डारियस द ग्रेट के शासन में सी. 520 ईसा पूर्व में आया और करीब दो सदियों तक रहा। 326 ईसा पूर्व में सिकंदर ने एशिया माइनर और आक्मेनीड साम्राज्य पर विजय पाई फिर उसने भारतीय उपमहाद्वीप की उत्तर पश्चिमी सीमा पर पहुंचकर राजा पोरस को हराया और पंजाब के ज्यादातर इलाके पर कब्जा किया।
अधिकांश भारतीय विद्रोहियों ने बहादुर शाह ज़फर को भारत का राजा चुना और उनके अधीन वे एकजुट हो गए। अंग्रेजों की साजिश के सामने वो भी नहीं टिक पाए। उनके पतन से भारत में तीन सदी से ज्यादा पुराने मुगल शासन का अंत हो गया।
ईस्ट इंडिया कंपनी में सूबेदार रहे बख्त खान ने रोहिल्ला सिपाहियों की एक सेना का निर्माण किया। मई 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ मेरठ में सिपाहियों के विद्रोह करने के बाद वो दिल्ली में सिपाही सेना का कमांडर बन गए।
34वीं बंगाल नेटिव इंफैंट्री का हिस्सा रहे मंगल पांडे को 29 मार्च 1857 को बैरकपुर में एक वरिष्ठ अंग्रेज अधिकारी पर हमला करने के लिए जाना जाता है। इस घटना को ही भारत की स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत माना जाता है।
निर्वासित मराठा पेशवा बाजी राव द्वितीय के दत्तक पुत्र नाना साहिब ने कानपुर में विद्रोह का नेतृत्व किया था।
रानी लक्ष्मीबाई तात्या टोपे के साथ मिलकर अंग्रेज सैनिकों के खिलाफ बहादुरी से लड़ीं। 17 जून 1858 को ग्वालियर के फूल बाग इलाके के पास अंग्रेजों से लड़ते हुए उन्होंने अपना जीवन न्यौछावर कर दिया।
नाना साहिब के करीबी सहयोगी और सेनापति तात्या टोपे ने रानी लक्ष्मीबाई के साथ मिलकर अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी।
वर्तमान में बिहार के भोजपुर जिले का हिस्सा रहे जगदीशपुर के राजा ने अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र सेना का नेतृत्व किया।
20वीं सदी में महात्मा गांधी ने लाखों लोगों का नेतृत्व किया और सन् 1947 में स्वतंत्रता हेतु एक अहिंसक सविनय अवज्ञा आंदोलन चलाया।
आज भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और सबसे जीवंत गणराज्य के तौर पर विश्व में देखा जाता है। यह एक उभरती हुई वैश्विक महाशक्ति और दक्षिण एशिया का एक प्रभावशाली देश है।
भारत एशिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है और दुनिया का सातवां सबसे बड़ा और जनसंख्या के तौर पर दूसरा सबसे बड़ा देश है। इसमें एशिया का एक तिहाई हिस्सा है और मानव जाति का सातवां भाग इसमें है।
विश्व का पहला धर्मग्रंथ ऋग्वेद : भारत के लोग प्राचीनकाल से ही कभी कबीलों नहीं रहे। उनमें एक सामुदायिक भावना का विकास बहुत पहले ही हो गया था और उन्होंने सभ्य होने के तरीके अन्य दुनिया की अपेक्षा पहले ही ढूंढ लिए थे।
सिंधु, सरस्वती और ब्रह्मपुत्र जैसी विशालकाय नदियों के होने के कारण भारत प्राचीन सभ्यताओं और मानवों के रहने का मूल स्थान माना गया है। विश्व का प्रथम धार्मिक ग्रंथ ऋग्वेद यहीं पर रचा गया। ऋग्वेद से ही दुनिया के सभी धर्म ने सूत्र लिए और एक नए धर्म का सूत्रपात किया।
ऋग्वेद में धर्म, न्याय, समाज, कानून, मानव जीवन, खगोल, भूगोल और विज्ञान संबंधी सैंकड़ों सूत्र हैं। चार ऋषियों अग्नि, वायु, अंगिरा और आदित्य ने मिलकर ऋग्वेद के ज्ञान को वाचिक परंपरा में ढाला और यह हजारों साल से पीढ़ी दर पीढ़ी कंठस्थ किया जाता रहा, जिसके कारण यह अभी तक सुरक्षित बना रहा। ऋग्वेद की लिखित पांडुलिपि 1800 ईसा पूर्व की है, जो यूनेस्कों की 158 पांडुलिपियों की सूची में सम्मलित है।
विश्व की प्रथम भाषा संस्कृत
एक ओर जहां भारत में दुनिया की प्रथम भाषा संस्कृत का जन्म हुआ तो दूसरी ओर दुनिया की प्रथम लिपि ब्राह्मी लिपि का जन्म हुआ। संस्कृत सोच समझकर अविष्कृत की गई भाषा है। इसीलिए इसे देव भाषा कहा जाता है। संस्कृत' का शाब्दिक अर्थ है परिपूर्ण भाषा। संस्कृत पूर्णतया वैज्ञानिक तथा सक्षम भाषा है।
मोक्ष का दर्शन
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योग, तप, षड् दर्शन और ध्यान ही धर्म और मोक्ष का मार्ग है। प्राचीन काल से ही साधु-संतों ने इसे प्रचारित किया।
ऋषि पतंजलि ने इसे 'आष्टांग योग' नाम से सुव्यवस्थित किया। आष्टांग योग के बाहर धर्म, दर्शन और अध्यात्म की कल्पना नहीं की जा सकती।
प्रकृति
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एक ओर समुद्र तो दूसरी ओर बर्फीले हिमालय है। एक ओर रेगिस्तान तो दूसरी ओर घने जंगल है। एक ओर ऊंचे-ऊंचे पहाड़ तो दूसरी ओर मैदानी इलाके है। प्रकृति के ऐसे सारे रंग किसी अन्य देश में नहीं है। भारतीय मौसम दुनिया के सभी देशों के मौसम से बेहतर है। सिर्फ यहीं पर प्रमुख रूप से चार ऋतुएं होती है। विदेशी यहां आकर भारत के वातावरण से मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
कुंभ मेले की भीड़ अंतरिक्ष से भी दिखती थी
साल 2011 में संगम के तट पर आयोजित कुंभ मेले में पूरी दुनिया की ऐसी भीड़ जुटी थी कि इस भीड़ को अंतरिक्ष से भी देखा गया था.
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भारतीय इतिहास
इस अद्भुत उपमहाद्वीप का इतिहास लगभग 75,000 साल पुराना है और इसका प्रमाण होमो सेपियंस की मानव गतिविधि से मिलता है। यह आश्चर्य की बात है कि 5,000 साल पहले सिंधु घाटी सभ्यता के वासियों ने कृषि और व्यापार पर आधारित एक शहरी संस्कृति विकसित कर ली थी।
पाषाण युगःपाषाण युग 500,000 से 200,000 साल पहले शुरू हुआ था और तमिलनाडु में हाल ही में हुई खोजो में इस क्षेत्र में सबसे पहले मानव की उपस्थिति का पता चलता है। देश के उत्तर पश्चिमी हिस्से से 200,000 साल पहले के मानव द्वारा बनाए हथियार भी खोजे गए हैं।
कांस्य युगः
भारतीय उपमहाद्वीप में कांस्य युग की शुरुआत लगभग 3,300 ईसा पूर्व सिंधु घाटी सभ्यता के साथ हुई थी। प्राचीन भारत का एक ऐतिहासिक हिस्सा होने के अलावा यह मेसोपोटामिया और प्राचीन मिस्त्र के साथ साथ विश्व की शुरुआती सभ्यताओं में से एक है। इस युग के लोगों ने धातु विज्ञान और हस्तशिल्प में नई तकनीक विकसित की और तांबा, पीतल, सीसा और टिन का उत्पादन किया।
प्रारंभिक ऐतिहासिक काल
वैदिक कालः
भारत पर हमला करने वालों में पहले आर्य थे। वे लगभग 1,500 ईसा पूर्व उत्तर से आए थे और अपने साथ मजबूत सांस्कृतिक परंपरा लेकर आए। संस्कृत उनके द्वारा बोली जाने वाली सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक थी और वेदों को लिखने में भी इसका उपयोग हुआ जो कि 12वीं ईसा पूर्व के हंै और प्राचीनतम ग्रंथ माने जाते हैं।
वेदों को मेसोपोटामिया और मिस्त्र ग्रंथों के बाद सबसे पुराना ग्रंथ माना जाता है। उपमहाद्वीप में वैदिक काल लगभग 1,500-500 ईसा पूर्व तक रहा और इसमें ही प्रारंभिक भारतीय समाज में हिंदू धर्म और अन्य सांस्कृतिक आयामों की नींव पड़ी। आर्यों ने पूरे उत्तर भारत में खासतौर पर गंगा के मैदानी इलाकों में वैदिक सभ्यता का प्रसार किया।
महाजनपदः
इस काल में भारत में सिंधु घाटी सभ्यता के बाद शहरीकरण का दूसरा सबसे बड़ा उदय देखा गया। ‘महा’ शब्द का अर्थ है महान और ‘जनपद’ का अर्थ है किसी जनजाती का आधार। वैदिक युग के अंत में पूरे उपमहाद्वीप में कई छोटे राजवंश और राज्य पनपने लगे थे। इसका वर्णन बौद्ध और जैन साहित्यों में भी है जो कि 1,000 ईसा पूर्व पुराने हैं। 500 ईसा पूर्व तक 16 गणराज्य या कहें कि महाजनपद स्थापित हो चुके थे, जैसे कासी, कोसाला, अंग, मगध, वज्जि या व्रजी, मल्ला, चेडी, वत्स या वम्स, कुरु, पंचाला, मत्स्य, सुरसेना, असाका, अवंति, गंधारा और कंबोजा।
फारसी और यूनानी विजयः
उपमहाद्वीप का ज्यादातर उत्तर पश्चिमी क्षेत्र, जो कि वर्तमान में पाकिस्तान और अफगानिस्तान है, में फारसी आक्मेनीड साम्राज्य के डारियस द ग्रेट के शासन में सी. 520 ईसा पूर्व में आया और करीब दो सदियों तक रहा। 326 ईसा पूर्व में सिकंदर ने एशिया माइनर और आक्मेनीड साम्राज्य पर विजय पाई फिर उसने भारतीय उपमहाद्वीप की उत्तर पश्चिमी सीमा पर पहुंचकर राजा पोरस को हराया और पंजाब के ज्यादातर इलाके पर कब्जा किया।
सन् 1857 के प्रसिद्ध व्यक्तिः
बहादुर शाह ज़फर
ईस्ट इंडिया कंपनी में सूबेदार रहे बख्त खान ने रोहिल्ला सिपाहियों की एक सेना का निर्माण किया। मई 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ मेरठ में सिपाहियों के विद्रोह करने के बाद वो दिल्ली में सिपाही सेना का कमांडर बन गए।
34वीं बंगाल नेटिव इंफैंट्री का हिस्सा रहे मंगल पांडे को 29 मार्च 1857 को बैरकपुर में एक वरिष्ठ अंग्रेज अधिकारी पर हमला करने के लिए जाना जाता है। इस घटना को ही भारत की स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत माना जाता है।
निर्वासित मराठा पेशवा बाजी राव द्वितीय के दत्तक पुत्र नाना साहिब ने कानपुर में विद्रोह का नेतृत्व किया था।
रानी लक्ष्मीबाई तात्या टोपे के साथ मिलकर अंग्रेज सैनिकों के खिलाफ बहादुरी से लड़ीं। 17 जून 1858 को ग्वालियर के फूल बाग इलाके के पास अंग्रेजों से लड़ते हुए उन्होंने अपना जीवन न्यौछावर कर दिया।
नाना साहिब के करीबी सहयोगी और सेनापति तात्या टोपे ने रानी लक्ष्मीबाई के साथ मिलकर अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी।
वर्तमान में बिहार के भोजपुर जिले का हिस्सा रहे जगदीशपुर के राजा ने अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र सेना का नेतृत्व किया।
20वीं सदी में महात्मा गांधी ने लाखों लोगों का नेतृत्व किया और सन् 1947 में स्वतंत्रता हेतु एक अहिंसक सविनय अवज्ञा आंदोलन चलाया।
आजादी और विभाजनः
अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति के कारण पिछले कुछ सालों में हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच धार्मिक तनाव बढ़ता गया खासतौर पर पंजाब और पश्चिम बंगाल जैसे प्रांतों में। महात्मा गांधी ने दोनों धार्मिक समुदायों से एकता बनाए रखने की भी अपील की। दूसरे विश्व युद्ध के बाद कमजोर अर्थव्यवस्था से जूझ रहे अंग्रेजों ने भारत छोड़ने का फैसला किया, जिससे अंतरिम सरकार बनाने का रास्ता बना। आखिरकार, भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ और अंग्रेजों के कब्जे से इस क्षेत्र को सन् 1947 में आजादी मिली।आजादी के बाद के कालः
कई सभ्यताओं जैसे ग्रीक, रोमन और मिस्त्र ने उदय और पतन देखा। भारतीय सभ्यता और संस्कृति इससे अछूती रही। इस देश पर एक के बाद एक कई आक्रमण हुए, कई साम्राज्य आए और अलग अलग हिस्सों पर शासन किया, लेकिन भारतवर्ष की अदम्य आत्मा पराजित नहीं हुई।
आज भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और सबसे जीवंत गणराज्य के तौर पर विश्व में देखा जाता है। यह एक उभरती हुई वैश्विक महाशक्ति और दक्षिण एशिया का एक प्रभावशाली देश है।
भारत एशिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है और दुनिया का सातवां सबसे बड़ा और जनसंख्या के तौर पर दूसरा सबसे बड़ा देश है। इसमें एशिया का एक तिहाई हिस्सा है और मानव जाति का सातवां भाग इसमें है।
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